सतपुरुष बाबा फुलसन्दे वाले नाम्ना राष्ट्रहितार्थे सर्वजनेभ्यः संदेशयति-इस बार घरेलू इलाज दे रहे हैं उम्मीद है इससे आप सबको भरपूर लाभ मिलेगा ।
अंगूर खाने से फेंफड़ों को ताकत मिलती है, अंगूर खाने के बाद पानी ना पियें खांसी जुकाम दूर हो जाता है,
कफ बाहर हो जाता है ।
दमे में अंगूर बहुत लाभ करता है, यदि थूक में खून आता है तो भी अंगूर बहुत लाभ करता है । अंगूर खाने से दिल की घबराहट दूर होती है ।
बुढापे से बचने के लिये आँवले के रस में मिश्री और घी मिलाकर प्रयोग करते हैं ।
सूखा आँवला रोटी में मिलाकर खाने से तन्दरूस्ती बनी रहती है बुढापा जल्दी नहीं आता ।
मिश्री मुलहटी आँवला बराबर लेकर एक गिलास दूध में मिलाकर सुभा शाम पीने से गले के छाले ठीक हो जाते हैं ।
जो बच्चे हकलाते हैं उनको ताजा आँवला खिलावें आँवले का मुरब्बा रोज खाने से दिल दिमाग की कमजोरी दूर होती है, पेट के रोग नहीं होते ।
प्याज के रस में शक्कर डालकर शर्बत बनाकर 10 दिन तक पीने से पथरी कट कट कर बाहर निकल जायेगी ।
सेब का रस पीते रहने से पथरी बनना बंद हो जाती है और पथरी गल कर यूरिन के जरिये बाहर निकल जाती है ।
महिलाओ के पेट में गन्दगी एम सी रूक जाने से गैस उनके दिमाग में चढ़ जाती है वे कुछ का कुछ बकने लगती हैं मैं देवी हूँ मैं भूत हूँ मैं वो हूँ मेरा नाम ये है आदि आदि ? इनसे परेशान लोग भगत सियाने मुल्ला मौलवियों पर जाते हैं ये मानसिक रोग है इसमें पेट साफ करने की दवा देनी चाहिए पेट साफ होते ही सब शान्त हो जाता है,
कुछ महिलायें अपने पति से असन्तुष्ट रहने के कारण इस प्रकार की हरकतें करने लगती हैं, इसका इलाज है समझदारी, नहीं तो घर बरबाद हो जाता है । दूसरे चालाक लोग उनका शोषण करते रहते हैं धन ऐंठते रहते हैं महिलाओं को इसी बहाने जगहा जगहा घूमने का अवसर मिलता रहता है दूसरों की सहानुभूति पाने के लिए भी ऐसा किया जाता है इसके पीछे कई कारण होते हैं सही कारण को जानना जरूरी है ।
गाय का दूध पीने से बहुत से रोग अपने आप ठीक हो जाते हैं । गाय के दूध में स्वर्ण होता है जो नेत्रों की ज्योति को बढ़ाता है हृदय को पुष्ट कराता है महाभारत में यक्ष ने युधिष्ठर से पूछा अमृत क्या है उत्तर में उन्होने कहा गाय का दूध अमृत है, परमब्रह्म की आराधना अमृत है, अपने आहार व्यवहार को जो ठीक रखता है वह बीमार नहीं पड़ता । ब्रह्मचर्य का पालन करने से रोग बीमारी कमजोरी पास नहीं आते अतः सबको नियमसंयम से रहना चाहिये ।
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