कंठमाला रोग व गिल्टीयां
वेद पाठ से राग शमन
चुटकले पढते रहो हंसना
इतना चाहिए हंसते हंसते सिर दुःख जावै आँखो से पानी बहना चाहिए|
अगर रोज इतना हंसोगे
रोग पास नही आ सकता रोग हो भी गया है तो शरीर में ठहर नही सकता|
फुलसन्दे वाले बाबा कहते रोगो को मत बुलाओ गाय का दूध पियो रोज चाय को दूर भगाओ ॥॥
सतपुरुष बाबा फुलसन्दे वाले कहते है-
- वेद मंत्रो के पाठ को सुनने मात्र से बीमारियां भागजाती है उन मंत्रो की ध्वनी इस प्रकार की होती है जो हमारे शरीर के भीतरी चक्रो कोकम्पायमान करती है इन्टर नैट पर प्रभु सतपुरुष की आवाज में चारों वेदो का पाठउपलबध्द है प्रति दिन एक सुक्त सुने |
- बासी खटटी छाछ में आक की जड पीसकर गले पर लेप करे इससे दूषित रक्त और कफ पिघल कर निकल जाता है और गिल्टीयां ठीक हो जाती है |
- मीठे मठठे में सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से भी कंठमाला का शमन होता है |
- छाछ में काली मिर्च पीसकर लेप करने से लाभ होता है प्याज को घी में भूनकर पुल्टिस बांधने से 2-3 दिन में ही कंठमाला रोग ठीक हो जाता है |
- एक गिलास गुनगुना पानी पाने से हिचकी दूर होती है मूली के तीन-चार पत्ते खाने से भी फायदा होता है
- अदरक का रस काली मिर्च और नींबू का रस मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती है |
- 10 ग्राम तुलसी दल 10 ग्राम काली मिर्च और 2 ग्राम छोटी इलायची को एक साथ पीसकर चूर्ण बनाएं इसे 3-4 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटें सोंठ को पानी मेंघिसकर सूंघने से हिचकी तुरन्तु बंद हो जाती है |
- यदि छाती के बाईं ओर दर्द उठता है सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है और पसीना आता है तो दूध में लहुसन पकाकर पीऐं कुछ दिनों में शिकायत दूर हो जाएगी हार्ट सेबंधी समस्या या हाई ब्लड प्रेसर होने पर यदि सुबह –शाम लौकी का सूप पीऐं या उसकी सब्जी खाएं तो एक महीने में लाभ होने लगता है |
- हृदय में दर्द होने या दौरा पडने पर दो चम्मच देशी घी में दो ग्राम बेल का रस मिलाकर पीएं इससे तुरन्तु राहत मिलती है |
- अदरक के रस में थोडा सा शहद मिलाकर चाटने से दिल के दर्द से आराम मिलता है लौकी उबालकर उसमें नमक धनियां जीरा हल्दी व हरा धनिया डालकर पकाएं हृदय रोगी अगर इसका नियमित सेवन करे तो बहुत लाभ होता है |
- अनार के ताजे पत्तो को पानी में पीस लें इसे छानकर पीने से हृदय की तेज धडकन सामान्य् हो जाती है एक ग्लास गर्म पानी में डेढ चम्मच शहद डालकर गरारा करने से बैठा गला ठीक हो जाता है |
- प्याज के रस में थोडी-सी शहद मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लें गुनगुने पानी में नीबूं का रस निचोडकर नमक मिलाकर गरारा करें "

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